पुलिस अधिकारी द्वारा FIR दर्ज नहीं करने पर क्या कार्यवाही करे |
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अक्सर यह देखा जाता है कि पुलिस अपने एरिया में क्रिमिनल रिकॉर्ड कम दिखाने के चक्कर में FIR दर्ज करने में आनाकानी करती है, ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति अपने एरिया के ASP या DSP या थाना प्रभारी को अपनी शिकायत लिखित में भी दे सकते हैं, और इसके बाद संबंधित अधिकारी आपकी FIR दर्ज करने का आदेश देता है, और यदि इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तब आप अपने एरिया के संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद पेश कर सकते हैं जिस पर मजिस्ट्रेट आपके मामले में जांच का आदेश दे सकता है|
ध्यान रहे पुलिस अधिकारी FIR दर्ज करने से मना नहीं कर सकता उसे FIR दर्ज करनी ही होती है और यदि कोई पुलिस अधिकारी FIR दर्ज नहीं करता है तो वह भारतीय दंड संहिता की धारा 166A के तहत अपराध करता है, और और उसे विभागीय कार्यवाही का भी सामना करना पड़ सकता है |
यहां यह ध्यान देने योग्य बात है कि यदि कोई व्यक्ति झूठी FIR दर्ज करवाता है तो वह है भारतीय दंड संहिता की धारा 182 के तहत दंडनीय अपराध करता है, और धारा 182 के तहत ऐसी झूठी FIR दर्ज करवाने वाले व्यक्ति को 6 महीने की सजा या जुर्माना जो कि 1000/- रुपये तक हो सकेगा या दोनों से दंडित किया जा सकता है |
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