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Compounding fee does not exceed the fine prescribed by penal section-Supreme Court

Compounding fee does not exceed the fine prescribed by penal section, the same cannot be declared to be either exorbitant or irrational or bereft of guidance.” HIGH COURT OF JUDICATURE FOR RAJASTHAN JODHPUR. M/S. Alwar Malt And Agro Foods  vs State of Rajasthan on 11 March, 2019 “SB Civil Writ Petition No. 369/2016 titled as […]

GST GST Case Law Judgement Judiciary-Case Law Latest Tax News & Updates

Case Name: GEW (India) Pvt. Ltd. – SUPPLY OF WORKS CONTRACT SERVICE IN KARNATAKA SEPARATE REGISTRATION IS NOT REQUIRED   

FOR SUPPLY OF WORKS CONTRACT SERVICE IN KARNATAKA SEPARATE REGISTRATION IS NOT REQUIRED  KARNATAKA AUTHORITY FOR ADVANCE RULINGGOODS AND SERVICES TAX Case Name: In re GEW (India) Pvt. Ltd. (GST AAR Karnataka)Appeal Number: Advance Ruling No. KAR ADRG 63/2021Date of Judgment /Order: 08/11/2021 RULING i. This authority refrains from giving any ruling in respect of […]

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क्या रेलवे में आरक्षित डिब्बे में यात्रा करते वक्त अगर अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा चोरी की जाती है, तो रेलवे की क्या जिम्मेदारी बनती है ? ||What is the responsibility of the Railways, when it is stolen by an unauthorized person while traveling in a reserved compartment in the railway?

क्या रेलवे में आरक्षित डिब्बे में यात्रा करते वक्त अगर अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा चोरी की जाती है, तो रेलवे की क्या जिम्मेदारी बनती है ? यह एक अच्छा प्रश्न है, जो कि एक आम आदमी के दिमाग में जब वह रेलवे में सफर करता है तो आना वाजिब है, क्योंकि संसार का हर व्यक्ति कंजूमर […]

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फास्ट ट्रैक अदालत पर संक्षिप्त विवरण || फास्ट ट्रैक कोर्ट क्या होती है ? || What is Fast Track Court

फास्ट ट्रैक अदालत पर संक्षिप्त विवरण फास्ट ट्रैक अदालत अतिरिक्त सत्र न्यायालय होता है, इन अदालतों का गठन लम्बी अवधि से लंबित अपराध तथा अंडर ट्रायल वादों को तीव्रता से निपटारे हेतु किया गया है,  इसके पीछे प्रमुख कारण यह है कि वाद लम्बा चलने से न्याय की क्षति कारक होती है, तथा न्याय की […]

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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का सामान्य परिचय

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 भारत में उपभोक्ता मामले के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ हैं। वास्तव में किसी भी देश की अर्थव्यवस्था उसके बाजार के चारों ओर घूमती है। जब बाजार विक्रेता का होता है तोउपभोक्ताओं का अधिकतम शोषण होता है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 बनने से पहले तक […]