क्या आप जानते है आपके क़ानूनी अधिकार जिसके अंतर्गत पुलिस नहीं कर सकती है आपको गिरफ्तार?
गिरफ्तार व्यक्ति के अधिकार:- भारतीय नागरिको को गिरफ्तारी से सम्बंधित क़ानूनी अधिकारों का पता नहीं होने से भ्रष्टाचार, धोखेबाजी बढती जा रही है, ऐसे में अगर पुलिस आपको गिरफ्तार करती है तो आपको गिरफ्तारी से सम्बंधित अधिकारों का पता होना चाहिए | वैसे तो पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए ही होती है, लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाता है तो प्रत्येक नागरिको को अपने अधिकार जानना जरूरी हो जाता है, कई बार पुलिस आम नागरिकों को बेवजह परेशान करती है एवं कानून में प्रदान किये गये पुलिस के अधिकारों का गलत इस्तेमाल करके आम नागरिको को परेशान किया जाता है, लेकिन अगर आप अपने अधिकार जानते हैं तो पुलिस भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती | अगर पुलिस ने कानून तोड़ा तो खुद पुलिस पर भी कार्रवाई हो सकती है |
क्योंकि समाज में विधि का शासन हो, कानून व्यवस्था मौजूद रहे, इसी दिशा में पुलिस प्रशासन कार्यरत रहना चाहिए, अनावश्यक अधिकारों का प्रयोग करके कानून व्यवस्था को भंग नहीं करना चाहिए |
कानून अथवा संविधान में नागरिको को ऐसे अधिकार और संरक्षण प्रदान किये गये है,जिसके तहत किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी गैर कानूनी तरीके से नहीं की जा सकती है तथा उसके मौलिक अधिकारों का हननं नहीं किया जा सकता है। यदि पुलिस के द्वारा ऐसा किया जाता है या कोई गैर-क़ानूनी प्रक्रिया अपनाई जाती है तो यह न सिर्फ भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता का उल्लंघन है, बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20, 21और 22 में दिए गए मौलिक अधिकारों के भी खिलाफ है | भारत का नागरिक इसके विरुद्ध उचित क़ानूनी कार्यवाही कर सकता है तथा अपने अधिकारों की सुरक्षा हेतु उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में रिट दायर कर सकता है ।
police procedure for arresting someone in india
निम्न कानून की धाराओ के तहत आप स्वयं को पुलिस की अनुचित व गैर-क़ानूनी गिरफ्तारी से बचा सकते है :-
- CRPC 1973 की धारा 50 (1) के तहत पुलिस को गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को गिरफ्तारी का कारण बताना होता है, अगर पुलिस आपको बिना किसी कारण के गिरफ्तार करती है तो पुलिस पर भी कार्यवाही हो सकती है |
- CRPC 1973 की धारा 57 के तहत पुलिस किसी व्यक्ति को 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में नहीं ले सकती है, अगर पुलिस किसी को 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में रखना चाहती है तो उसको CRPC 1973 की धारा 56 के तहत मजिस्ट्रेट से इजाजत लेनी होगी और मजिस्ट्रेट इस संबंध में इजाजत देने का कारण भी बताएगा |
- CRPC 1973 की धारा 50(A) के मुताबिक गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को अधिकार होगा कि वह अपनी गिरफ्तारी की जानकारी अपने परिवार या रिश्तेदार को दे सके,अगर गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को इस कानून के बारे में जानकारी नहीं है तो पुलिस अधिकारी को खुद इसकी जानकारी उसके परिवार वालों को देनी होती है |
- CRPC 1973 की धारा 41 बी के मुताबिक पुलिस कोअरेस्ट मेमो तैयार करना होगा, जिसमें गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी की रैंक, गिरफ्तार करने का टाइम और पुलिस अधिकारी के अतिरिक्त प्रत्यक्षदर्शी के हस्ताक्षर होंगे |
- CRPC 1973 की धारा 54 में कहा गया है, कि अगर गिरफ्तार किया गया व्यक्ति मेडिकल जांच कराने की मांग करता है, तो पुलिस उसकी मेडिकल जांच (Medical Test) कराएगी,मेडिकल जांच कराने से फायदा यह होता है, कि अगर आपके शरीर में कोई चोट नहीं है तो मेडिकल जांच में इसकी पुष्टि हो जाएगी और यदि इसके बाद पुलिस कस्टडी में रहने के दौरान आपके शरीर में कोई चोट के निशान मिलते हैं तो पुलिस के खिलाफ आपके पास पक्का सबूत होगा, मेडिकल जांच होने के बाद आमतौर पर पुलिस भी गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के साथ मारपीट नहीं करती है.
- किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी को वर्दी में होना चाहिए और उसकी नेम प्लेट में उसका नाम साफ-साफ लिखा होना चाहिए |
- CRPC 1973 की धारा 41D के मुताबिक गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को यह अधिकार होगा कि वह पुलिस जांच के दौरान कभी भी अपने वकील से मिल सकता है. साथ ही वह अपने वकील और परिजनों से बातचीत कर सकता है |
- जहां तक महिलाओं की गिरफ्तारी की बात करें तो CRPC 1973 की धारा 46 कहती है कि किसी भी महिला को सूरज डूबने के बाद और सूरज निकलने से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है हालांकि अगर किसी परिस्थिति में किसी महिला को गिरफ्तार करना ही पड़ता है तो इसके पहले एरिया मजिस्ट्रेट से इजाजत लेनी होगी |
- महिलाओं के कानूनी अधिकार:-CRPC 1973 की धारा 46 के मुताबिक महिला को सिर्फ महिला पुलिसकर्मी ही गिरफ्तार करेगी,किसी भी महिला को पुरुष पुलिसकर्मी गिरफ्तार नहीं करेगा | लेकिन कुछ संदिग्ध मामलो में मजिस्ट्रेट के लिखित आदेश के बाद पुरुष पुलिसकर्मी द्वारा भी गिरफ्तारी की जा सकती है |
- अगर गिरफ्तार किया गया व्यक्ति गरीब है और उसके पास पैसे नहीं है, तो भारतीय संविधान के Article 39-A के तहत उनको मुफ्त में कानूनी मदद दी जाएगी यानी उसको फ्री में वकील मुहैया कराया जायेगा |
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