Family Law

“यदि बहू अपने सास ससुर का अपमान (गाली गलौज) करती है, व उन्हें घर में नहीं रहने देती है तो क्या ऐसा करना तलाक का आधार बन सकता है ?”

यदि बहू अपने सास ससुर का अपमान (गाली गलौज) करती है, व उन्हें घर में नहीं रहने देती है तो क्या ऐसा करना तलाक का आधार बन सकता है ?

इस प्रश्न का जवाब हां है, जब बहु अपने सास ससुर का अपमान करती या अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करती है, गाली-गलौज करती है, उनके साथ घर में नहीं रहना चाहती या उन्हें घर में नहीं रहने देती है| तो ऐसी स्थति में महिला के पति को तलाक़ लेने का एक अच्छा आधार साबित हो सकता है|

सुप्रीम कोर्ट के JUSTICE VIKRAMAJIT SEN AND A.M. SAPRE  ने अप्रैल  2015 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में लिखा था कि, यदि कोई महिला अपने ससुराल में अपने सास-ससुर को नहीं रहने देती है, और उनका अपमान करती है, तो उस महिला के पति को तलाक का अधिकार मिल सकता है क्योंकि ऐसा करना क्रूरता की सीमा में आता है जो एक तालाक का आधार होता है” अपने ससुराल में आने और रहने से कोई महिला अपने पति के घनिष्ठ रिश्तेदारों को नहीं रोक सकती यह मानसिक क्रूरता मानी जाएगी,

और क्रूरता चाहे शारीरिक हो या मानसिक, क्रूरता की सीमा में आती है जो की एक तालाक का एक अच्छा आधार है |

एक अन्य मामलेअमित्वदास बनाम श्रीमती मौसमी दास” (ए.आई.आर 2012 कोलकाता 63) में पत्नी ने पति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 498क का मुख्य मुकदमा दर्ज करवाया और दहेज की मांग का मिथ्या आरोप भी लगाया और पति की माता पर उसने व्यभिचार व् अनैतिकता के मिथ्या लांछन लगाये, कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा इसे पत्नी की क्रूरता माना गया और पति को विवाह विच्छेद की डिक्री पाने का हकदार ठहराया गया|

ऐसा ही एक मामला कृष्णा बाई बनाम पूरनचंद” (ए.आई.आर  1967 मध्य प्रदेश 200) का है इसमें भी पत्नी अपने पति के साथ तभी रहने को तैयार थी जब उसका पति अपने माता-पिता से अलग रहे, इस मामले को भी तलाक़ का एक अच्छा आधार माना गया |

तो इस प्रकार उपर्युक्त दिए गए निर्णयो के आधार पर  निष्कर्ष रूप में यह कहा जा सकता है, कि  यदि बहू अपने सास ससुर का अपमान (गाली गलौज) करती है, व उन्हें घर में नहीं रहने देती है तो ऐसा करना तलाक का अच्छा आधार बन सकता है |

Click Here to Other post

क्या लोक अदालत के फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती है ?

क्या एक निगम या कंपनी पर आपराधिक दायित्व का मुकदमा दर्ज हो सकता है ?

क्या एक मजिस्ट्रेट को किसी मामले की सीबीआई जांच करवाने का आदेश देने की शक्ति है ?

टेलीफोन के द्वारा FIR दर्ज की जा सकती है या नहीं

झूठी FIR दर्ज होने पर क्या करे || झूठी FIR होने पर पुलिस कार्यवाही से कैसे बचे (CrPC Section 482)

जीरो FIR I जीरो FIR क्या होती है I ZERO FIR के बारे में साधारण जानकारी

F.I.R (प्रथम सूचना रिपोर्ट) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी I

(If you liked the Article, please Subscribe )

[email-subscribers namefield=”YES” desc=”” group=”Public”]

Advocate Birbal Sharma

Education- M.Com, LL.B, DLL, LLM Practice Courts - Rajasthan High Court, Income Tax Appellate Tribunal and Intellectual Property Right Attorney Contact Number- 09785037216 Email ID-advocatebirbalsharma@gmail.com

Share
Published by
Advocate Birbal Sharma

Recent Posts

No GST on Penalties, Late Fees/Panel Interest, fine levied or collected by RBI: GST AAR MAHARASHTRA

Case Name:- Reserve Bank of India (GST AAR Maharashtra) Appeal Number: Advance Ruling No. GST-ARA-117…

3 months ago

FINANCE BILL 2024: INSERTION OF NEW SECTION 128A IN CGST ACT 2017

Conditional Waiver to Interest/ Penalty relating to demand raised u/s 73 of CGST Act, 2017-…

3 months ago

FINANCE BILL 2024: INSERTION OF SECTION 74 A IN CGST ACT, 2017

The Finance Bill 2024, introduced in Parliament on 23rd July 2024, proposes major changes in…

4 months ago

Finance Bill 2024: Amendment to Section 16 of CGST Act, 2017

Amendment to Section 16 of CGST Act, 2017 The Finance Bill 2024, introduced in Parliament…

4 months ago

UNION BUDGET 2024: KEY HIGHLIGHTS ON INCOME TAX

The Union Finance Minister, Smt. Nirmala Sitharaman on Tuesday, presented her Seventh consecutive budget speech.…

4 months ago

E-Magazine on Tax Update Part-5 (June-2024) || Online Publication-13.07.2024

Magazine on Tax Update Part-5 (June-2024) || Online Publication-13.07.2024 Subscription Option Available  Subscription for E-GST…

4 months ago