वैश्विक महामारी के बावजूद जीएसटी राजस्व में उछाल है। इस बढ़ोतरी के लिए करदाता सराहना के पात्र है।
विशेष आर्थिक क्षेत्र
एसईजेड का सीमा शुल्क प्रशासन पूरी तरह आईटी से संचालित होगा और कस्टम्स नेशनल पोर्टल पर कार्य करेगा, जिसे 30 सितंबर, 2022 से क्रियान्वित किया जाएगा।
सीमा शुल्क सुधार एवं शुल्क दर में बदलाव
फेसलेस सीमा शुल्क पूरी तरह स्थापित कर दिया गया है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सीमा शुल्क संगठनों ने चपलता और संकल्प प्रदर्शित करते हुए सभी मुश्किलों के प्रति असाधारण फ्रंट लाइन कार्य किया है।
परियोजनागत आयात एवं पूंजीगत वस्तुएं
पूंजीगत वस्तुओं और परियोजनागत आयातों में रियायती दरों को क्रमिक रूप से हटाने और 7.5 प्रतिशत असाधारण शुल्क लगाने का प्रस्ताव। इससे घरेलू क्षेत्र और ‘मेक इन इंडिया’ के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उन उन्नत मशीनरियों के लिए कतिपय छूट बनी रहेंगी, जिनका देश के भीतर विनिर्माण नहीं किया जाता है।
विशेषीकृत कॉस्टिंग्स, बॉल स्क्रू और लीनियर मोशन गाइड पर कुछेक छूट देने का चलन शुरू किया जा रहा है ताकि पूंजीगत वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके।
सीमा शुल्क छूट एवं शुल्क सरलीकरण की समीक्षा
350 से अधिक प्रस्तावित छूटप्रविष्टियों को धीरे-धीरे हटाए जाने का प्रस्ताव है। इनमें कई कृषि उत्पाद, रसायन, वस्त्र, चिकित्सा उपकरण और दवाएं शामिल हैं जिनके लिए पर्याप्त घरेलू क्षमता मौजूद है।
विशेषकर रसायन, कपड़ा और धातु जैसे क्षेत्रों के लिए सीमा शुल्क दर एवं शुल्क दर संरचना सरल हो जाएंगी और विवाद कम हो जाएगा। जो वस्तुएं भारत में विनिर्मित की जाती है या की जा सकती है उनके लिए छूट हटाने से और अर्धनिर्मित उत्पादों के विनिर्माण में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल पर रियायती शुल्क लगाने से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
क्षेत्र विशेष प्रस्ताव
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र
देश में पहनने वाले उपकरणों, सुने जा सकने वाले उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स स्मार्ट मीटरों के निर्माण को सुविधाजनक बनाने हेतु श्रेणीबद्ध दरें तय करने के लिए सीमा शुल्क दरों में संशोधन किया जाएगा।
देश में ज्यादा वृद्धि दर वाले इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्माण करने के लिए मोबाइल फोन के चार्जर के ट्रांसफॉर्मर के कलपुर्जों और मोबाइल कैमरा मॉड्यूल के कैमरा लेंस और कुछ अन्य वस्तुओं पर शुल्क में छूट दी जाएगी।
रत्न एवं आभूषण
रत्न व आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों और रत्न पत्थरों पर सीमा शुल्क घटाकर 5 प्रतिशत किया जा रहा है; केवल तराशे गए हीरे पर कुछ भी सीमा शुल्क नहीं लगेगा।
ई-कॉमर्स के जरिए आभषूण निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सरल नियामकीय रूपरेखा इस वर्ष जून तक लागू की जाएगी।
कम मूल्य वाले इमिटेशन आभूषण का आयात हतोत्साहित करने के लिए इमिटेशन आभूषण के आयात पर प्रति किलो कम-से-कम 400 रुपये का सीमा शुल्क लगाया जाएगा।
रसायन
कुछ महत्वपूर्ण रसायनों यथा मेथानॉल, एसिटिक एसिड और पेट्रोलियम शोधन से जुड़े हेवी फीड स्टॉक पर सीमा शुल्क घटाया जा रहा है; देश में पर्याप्त क्षमता वाले सोडियम साइनाइड पर सीमा शुल्क बढ़ाया जा रहा है- इससे देश में मूल्यवर्धन करने में मदद मिलेगी।
एमएसएमई
छतरी पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जा रहा है। छतरी के कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्क छूट को वापस लिया जा रहा है।
भारत में निर्मित किए जाने वाले कृषि क्षेत्र से जुड़े कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्क छूट को तर्कसंगत बनाया जा रहा है।
पिछले साल स्टील स्क्रैप पर दी गई सीमा शुल्क छूट अब एक साल और दी जाएगी, ताकि एमएसएमई से जुड़े द्वितीयक इस्पात उत्पादकों को राहत मिल सके।
स्टेनलेस स्टील एवं इस्पात के कोटेड चौरस उत्पादों, एलॉय स्टील एवं हाई-स्पीड स्टील की छड़ों पर कुछ एंटी-डंपिंग शुल्क एवं सीवीडी को वापस लिया जा रहा है, ताकि जन हित में इस धातु की मौजूदा ऊंची कीमतों से निपटा जा सके।
निर्यात
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कुछ वस्तुओं जैसे कि फास्टनर्स, बटन, जिपर, लाइनिंग मैटेरियल, विशेष चमड़ा, फर्नीचर फिटिंग्स एवं पैकेजिंग बॉक्स पर छूट दी जा रही हैं।
झींगा जलीय कृषि के लिए आवश्यक कुछ कच्चे माल पर शुल्क घटाया जा रहा है, ताकि इसके निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए शुल्क संबंधी उपाय
गैर-मिश्रित ईंधन पर 1 अक्टूबर, 2022 से प्रति लीटर 2 रुपये का अतिरिक्त विभेदक उत्पाद शुल्क लगेगा, ताकि ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा दिया जा सके।
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