जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट भाग-I (Input Tax Credit In hindi)
इनपुट टैक्स क्रेडिट इनपुट सेवाओं और कैपिटल गुड्स पर सबसे ज्यादा विवादास्पद मुद्दा है। अप्रत्यक्ष कर के तहत प्रावधानों और नियमों की स्पष्टता की कमी होने के कारण एक्साइज, सर्विस टैक्स और वैट के मामले में यह सामान्य समस्या थी। जीएसटी में एक कर के अधिग्रहण के साथ, यह आशा की जा सकती है की वर्तमान समस्या कुछ हद तक कम हो। जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट के मुख्य प्रावधानों को विस्तारित रूप में समझने से पहले (Input Tax Credit in hindi) इनपुट टैक्स क्रेडिट भाग-Ist में इनपुट टैक्स क्रेडिट को व इनपुट टैक्स क्रेडिट के समायोजन के बारे में सामान्य भाषा में बताया जा रहा है। आगामी भाग में इनपुट टैक्स क्रेडिट के अन्य प्रावधानों को समझाया जायेगा।
माल एवं सेवा पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रावधान सीजीएसटी व एसजीएसटी एक्ट-2017 की धारा-16 में किया गया है, व धारा-16 के अनुसार ऐसे माल की खरीद या प्राप्त सेवा जिसका उपयोग व्यापार को आगे बढ़ाने में किया जाता है, ऐसे मॉल या प्राप्त सेवा पे दी गयी जीएसटी का पंजीकृत व्यापारी को इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त होगा।
धारा 16 (1)(Section 16(1) of GST) इस प्रकार है
16 (1) Every registered person shall, subject to such conditions and restrictions as may be prescribed and in the manner specified in section 49, be entitled to take credit of input tax charged on any supply of goods or services or both to him which are used orintended to be used in the course or furtherance of his business and the said amount shall be credited to the electronic credit ledger of such person.
जीएसटी में टैक्स को तीन भागों में विभाजित किया गया है- SGST, CGST & IGST
SGST & CGST – व्यापारियों द्वारा माल या सेवाओं की अंतर-राज्य सप्लाई पर राज्य जीएसटी SGST (एसजीएसटी), व केन्द्रीय जीएसटी CGST (सीजीएसटी) के रूप में कर लगाया जाना है।
IGST- माल और सेवाओं की अंतरराज्यीय सप्लाई पर, केंद्र द्वारा एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) एकत्र किया जाएगा, आईजीएसटी आयात पर लागू होगी।
इनपुट टैक्स क्रेडिट की मांग निम्न प्रकार से क्लेम किया जायेगा
नोट:-
01. CGST क्रेडिट का समायोजन सबसे पहले CGST से किया जायेगा व शेष बची CGST इनपुट क्रेडिट का समायोजन IGST से किया जायेगा लेकिन CGST क्रेडिट का समायोजन SGST से नहीं किया जायेगा ।
- SGST क्रेडिट का समायोजन सबसे पहले SGST से किया जायेगा व शेष बची SGST इनपुट क्रेडिट का समायोजन IGST से किया जायेगा लेकिन SGST क्रेडिट का समायोजन CGST से नहीं किया जायेगा ।
- IGST क्रेडिट का समायोजन सबसे पहले IGST से किया जायेगा व शेष बची IGST इनपुट क्रेडिट का समायोजन CGST से किया जायेगा व IGST क्रेडिट का समायोजन SGST से भी किया जा सकेगा ।
कुछ अन्य प्रावधान
ट्रेडर के लिए
वैट में पंजीकृत व्यापारी माल के अतिरिक्त व्यापार से सम्बंधित कोई सामान जैसे की हिसाब किताब रखने के लिए कंप्यूटर, प्रिंटर कैश बुक अदि खरीदता था और उस पर जो टैक्स लगता था उस टैक्स का इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलती था लेकिन जीएसटी लागु होने के बाद पंजीकृत व्यापारी व्यापार के लिए मोबाइल, टेलीफोन, फर्नीचर, फिक्सचर आदि खरीदता है, या प्रोफेशनल को फीस चुकता है एवं व्यापार से सम्बंधित कुछ भी माल या सेवाप्राप्त करता है भले ही उसका बेचान नहीं करता हो उन सब पर लगने वाले टैक्स की इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगी ।
उदाहरण- ट्रेडिंग हेतु ख़रीदे गए माल, दुकान शोरूम के लिए ख़रीदे गए फर्नीचर, ऐसी, फ्रिज, व्यापार के लिए मोबाइल, टेलीफोन की खरीद, ऑफिस उपयोग में काम आने वाली स्टेशनरी की खरीद, पैकिंग मटेरियल की खरीद पर, उपरोक्त वस्तुओं की रिपेयर, प्रोफेशनल को चुकायी गई फीस, भाड़ा आदि पर चुकाए गए जीएसटी की इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगी ।
उत्पादक के लिए :-
सेंट्रल एक्साइज में पंजीकृत व्यापारी को कई वस्तुओं एवं सेवाओं को लेकर असमंजस बना रहता था की उक्त वस्तु एवं सेवा इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए मान्य है या नहीं जीएसटी लागु होने के बाद उत्पादक को उसके व्यापार के क्रम में खरीदे गए माल जिसमे कैपिटल गुड्स शामिल है तथा सभी सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडट प्राप्त करने का अधिकार होगा।
उदाहरण- कच्चा माल, पैकिंग मटेरियल की खरीद,फैक्ट्री के लिए ख़रीदे गए फर्नीचर ऑफिस के लिए ख़रीदे गए फर्नीचर ऐसी, फ्रिज उपयोग में काम आने वाली स्टेशनरी, कंप्यूटर, प्रिंटर कैश बुक, प्रोफेशनल को चुकायी गई फीस टेलीफोन, मोबाइल उपरोक्त वस्तुओं की रिपेयर, कैपिटल गुड्स-( मशीनरी, उपकरण व सॉफ्टवेयर कंपनी आदि में स्थापित कंप्यूटर, आदि) आदि पर चुकाए गए जीएसटी की इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगी ।
वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट्स एवं माइन ओनर्स के लिए :-
वैट व सेंट्रल एक्साइज में पंजीकृत वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट्स एवं माइन ओनर्स कैपिटल गुड्स की खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं ले सकते थे, इनपुट टैक्स क्रेडिट उसी माल पर मिलती थी जिसे सप्लाई किया जाता था I जीएसटी में मोटर वीइकल्स की खरीद के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार की मशीनरी एवं प्लांट की खरीद पर चुकाए गए जीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडट वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट्स एवं माइन ओनर्स को प्राप्त होगा I वैट व सेंट्रल एक्साइज में कांट्रेक्टर अपने कार्यों के सम्बन्ध में करोड़ों रूपये की मशीनरी आदि खरीदते थे लेकिन उस पर चुकाए गए वैट या सेंट्रल एक्साइज का इनपुट क्रेडिट प्राप्त नहीं होता है लेकिन जीएसटी लागु होने पर कांट्रेक्टर इन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगे।
सेवा प्रदाताओं के लिए
सेवा कर में पंजीकृत व्यापारी को माल की खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त नहीं होता था लेकिन जीएसटी में इन व्यापारियों को भी ख़रीदे गए माल का इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त होगा।
उदाहरण- एक सिविल इंजीनियर को सेवा कर में कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, ऑफिस फर्नीचर की खरीद पर चुकाए गए कर का इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त नहीं होता था, लेकिन जीएसटी में इन सब ऑफिस के उपयोग में ली गयी वस्तुओ के चुकाए गए जीएसटी की इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगी ।